1. गावणी गांव में काली नदी के किनारे चलाए जा रहे वहृद वृक्षारोपण कार्यक्रम को ज्यादा से ज़्यादा गति देने साथ ही पौधों की देखभाल ।
2. मेरठ में विभिन्न कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशंस को प्रेरित कर कॉलोनी में तथा कॉलोनी के आसपास खाली जगह में जितने भी पौधे लगाए जा सकते हैं तथा उनकी देखभाल करने वाले व्यक्ति को चयनित कर ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण हो सके ।
3. मेरठ में पिछले कुछ वर्षों में जहां जहां पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए गए थे उन जगहों को चिन्हित कर जो पौधे नहीं चल पाए हैं उनकी जगह दूसरे पौधे रोपे जाने के लिए ।
4. मेरठ जागृति विहार एक्सटेंशन में मेरा शहर मेरी पहल तथा मेरठ विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में चलाए गए वृक्षारोपण में लगभग दो वर्ष पूर्व हजारों की संख्या में पेड़ लगाए गए थे जिनकी देखभाल न होने के कारण उनमें काफी पौधे सूख गए हैं उनका निरीक्षण करने तथा तय किया गया कि जल्द ही वर्षा ऋतु में यहां पर दोबारा से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
5. पौधा रोपण करते वक्त नीम, पीपल, बरगद की त्रिवेणी पौधरोपण पर ज्यादा जोर देने के लिए चर्चा की गई। नीम, पीपल और बरगद इन तीनों को समान गुणी होने के कारण त्रिवेणी कहा जाता है। नीम, पीपल और बड़ पर्यावरण को सबसे अधिक शुद्ध बनाते हैं। सर्व रोग निवारिणी कही जाने वाली यह त्रिवेणी बड़ी होकर वटवृक्ष का रूप धारण करती है तो यह मानव के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं मानी जाती।
इस मौके पर मेरा शहर मेरी पहल के कोषाध्यक्ष एस के शर्मा, कोऑर्डिनेटर अंकुश चौधरी, विपुल सिंघल, ग्लोबल सोशल कनेक्ट की चेयरपर्सन ऋचा सिंह तथा शिव कुमार मौजूद रहे।
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