गाजियाबाद 27 जून (चमकता युग) जनपद में अवैध और अनाधिकृत निजी चिकित्सायलों की बाढ़ सी आ गयी है, मुख्य चिकित्साधिकारी अपने निजी स्वार्थ सिद्धी के लिए शासनादेशों की अवहेलना करते हुए मरीजों की जान माल की सुरक्षा की परवाह न करते हुए अवैध व अनाधिकृत तरीके से निजी चिकित्सायलों का संचालन अपनी क्षत्रछाया में करवा रहे हैं ? इनके विरुद्ध कोई प्रभावी वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई है और वर्षों ऐसे ही चल रहे हैं एवं इन अवैध और अनाधिकृत निजी चिकित्सायलों का पंजीकरण एवं प्रति वर्ष नवीनीकरण भी मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में किये जाते हैं ?
अधिकांश संचालकों के पास न तो अग्नि शमन सेवा विभाग से चिकित्सालय का भवन निर्माण प्रारंभ एवं अन्तिम- प्रमाण- पत्र भी नहीं है और न ही प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत है । संचालकों द्वारा चिकित्सालय भवन निर्माण कराते समय मरीजों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा गया है । इसके अतिरिक्त संबंधित विभागों से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किये । अभी हाल ही में अग्नि शमन विभाग ने जनपद में चिकित्सायलों की जांच की थी उनमें छियासी चिकित्सायलों में सुरक्षा सम्बन्धी मानक पूरे न होने कारण मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं । चिकित्सायलों प्रथम एवं द्वितीय तल से मरीजों को लाने व ले जाने के लिए समुचित मेडिकल उपकरण की व्यवस्था भी नहीं है । जिसके परिणामस्वरूप अप्रिय घटना के समय जान- माल की क्षति होने की पूर्ण संभावना बनी रहती है ?
निजी चिकित्सायलों में अग्नि शमन उपकरण भवन में स्थापित किये गये है और जो हैं भी उनके संचालन हेतु न तो कोई प्रशिक्षित है और न ही तद् विषय नोडल अधिकारी ही बनाया गया है ?
जबकि भवन निर्माण से पूर्व उत्तर प्रदेश अग्नि शमन सेवा से मानचित्र का परीक्षण करा कर अनापत्ति प्रमाण- पत्र व अनुमोदन आवश्यक है के नियमों का पालन नहीं किया जाता है । भवन पूर्ण हो जाने के पश्चात उत्तर प्रदेश अग्नि शमन सेवा के माध्यम से निरीक्षण करा कर कम्पलीशन सर्टिफिकेट प्राप्त अनावार्य होता है जिसका पालन नहीं किया जाता है ।
समय- समय पर मानचित्र के अनमोदन तथा कम्पलीशन सर्टिफिकेट के अनुसार समस्त अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं जैसे पलायन मार्ग, कम्पार्ट में टेंशन स्मोक मैनेजमेंट तथा भवन में स्थापित अग्नि शमन सुरक्षा व्यवस्था जैसे फायर डिटेक्शन, फायर हाईड्रेन्ट, फायर एक्सटिम्यूशर इत्यादि के नवीनीकरण की व्यवस्था की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाना, भूकंप या आपात कालीन स्थिति में यंत्रों व उपकरणों का संचालन एवं प्रयोग कैसे जाये की व्यवस्था होनी चाहिये ।
नर्सिंग होम व हाँस्पिटलों में अग्नि शमन विभाग के नियमों का पालन नहीं किया जाता है ।
जनहित में निजी चिकित्सायलों में अग्नि शमन विभाग के नियमों का सख्ति से पालन कराया जाये जिससे आपात कालीन स्थिति में जान- माल की होने वाली क्षति से बचाया जा सके । साथ ही जब तक निजी चिकित्सायलों के मानक पूर्ण न हो जाए जब तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने विभाग में इनका नवीनीकरण न किया जाये और तत्काल प्रभाव से अवैध व अनाधिकृत तरीके से चल रहे निजी चिकित्सायलों बंद कराया जाये । हालाँकि मुख्य चिकित्साधिकारी के अनुसार उन्होंने कहा है कि मानकों का पालन न करने वाले चिकित्सायलों का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा, परंतु इनकी करनी व कथनी में अन्तर हैं ?
सुरेश शर्मा, संपादक,चमकता युग, मोदी नगर, गाजियाबाद ।
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