सुभारती विश्वविद्यालय में कारगिल शहीद स्मृति उपवन का हुआ शुभारंभ
नौसेना के कैप्टन राकेश शुक्ला ने कारगिल युद्ध में नौसेना की भूमिका से सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने समुंद्री क्षेत्र में पाकिस्तान की घेराबन्दी करके उनकी कमर तोड़ने का काम किया था। उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान तेल की मुख्य भूमिका होती है और भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के तेल की सप्लाई बांधित करते हुए पाकिस्तानी नौसेना को उन्हीं की बंदरगाह से बाहर नही निकलने दिया और उन्हें युद्ध लड़ने में असमर्थ बना दिया।
वायुसेना के विंग कमांडर प्रफुल्ल बक्शी ने कारगिल युद्ध में वायुसेना की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के विमानों की गरज से पाकिस्तान थर थर कांपने लगा था और पाकिस्तान के क्षेत्र में घुसकर भारतीय वायु वीरों ने ताबड़तोड़ बम बरसाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिये वायुसेना की भूमिका सबसे अहम होती है और वायुसेना के बगैर युद्ध लड़ना असंभव हैं। उन्होंने भारतीय सेना के जांबाज वीरों की वीरता के पराक्रम पर आधारित अपनी कविता सुनाकर सभी को जोश से लबरेज कर दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल जी.ओ.सी. पश्चिमी यूपी सब एरिया मेरठ श्री ए.के. गुप्ता ने अपने सम्बोधन में सभी को कारगिल विजय दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के हौसलें आसमां की बुलंदियों से ऊंचे हैं और हर सैनिक भारत माता की दुशमनों से रक्षा करने हेतु तत्पर है। उन्हांने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के नाम 527 पेड़ लगाकर शहीद स्मृति उपवन की स्थापना पर हर्ष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आज सुभारती विश्वविद्यालय ने बहुत ही गौरवशाली कार्य किया है और शहीद स्मृति उपवन में कारगिल युद्ध में शहीद हुए 527 जवानों की याद अमर हो गई है।
इस दौरान मेजर जनरल जी.ओ.सी. पश्चिमी यूपी सब एरिया मेरठ श्री ए.के. गुप्ता, कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड, संस्थापक डा. अतुल कृष्ण, कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी. सिंह, सीईओ डा. शल्या राज, कर्नल डा.एन.के आहूजा द्वारा कारगिल युद्ध में शहीद हुए शहीद यशवीर सिंह, शहीद जुबैर अहमद, शहीद सतपाल सिंह, शहीद योगेन्द्र सिंह, शहीद मनोज तलवार, शहीद सतीश कुमार के परिजनों को पगडी पहनाकर व स्मृति चिहृ प्रदान करके सम्मानित किया।
सेना मैडल कर्नल राजेश अधाऊ ने कारगिल युद्ध के दौरान घायल जवानों के उपचार करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि युद्ध में बरसती गोलियों के बीच वह डट कर अपने जवानों को चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करते रहे इस दौरान वह कई बार दुशमनों की फायरिंग के बीच घिरे भी लेकिन उन्होंने साहस करते हुए अपने घायल जवानों का उपचार किया। यह उल्लेखनीय है कि ऐसा बहुत कम होता है कि किसी सहायक ईकाई जैसे कि मेडिकल, इंजीनियरिंग के किसी सिपाही को सेना मेडल से नवाजा गया हो परन्तु कर्नल राजेश उन गिने चुने लोगों में हैं जिन्हें मेडिकल कोर का होने के बाद भी सेना मेडल से नवाजा गया।
कार्यक्रम के संयोजक एवं चैयरमेन क्यू.सी. कर्नल डा. एन.के. आहूजा ने बताया कि सुभारती डिफेन्स एकेडमी की भी स्थापना किये जाने के प्रस्ताव पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत सेना में चयन होने के लिये विद्यार्थियों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और स्नातक की डिग्री भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देश को अखण्ड राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ अपने विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन कर रहा है ताकि अपनी योग्यता से विद्यार्थी देशहित में योगदान दे सकें।
सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति पूर्व आई.ए.एस. श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड ने अपने उद्बोधन में कहा कि कारगिल शहीद स्मृति उपवन के द्वारा भारत माता के वीर सूपतों की याद हमेशा के लिये स्वर्णिम बन गई हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे सैनिक देश की सरहदों पर हमारी रक्षा करते है इसी प्रकार हम सभी देशवासी अपने कर्तव्य को निभाते हुए देश की उन्नती में अपना योगदान दें।
सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा.अतुल कृष्ण ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का पराक्रम दिखाकर शहीद हुए 527 जांबाज़ जवानों की शहादत की याद को अमर बनाते हुए तीन एकड़ भूमि पर विश्वविद्यालय में ‘‘कारगिल शहीद स्मृति उपवन‘‘ की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि शहीदों के नाम पर वृक्ष लगाकर उनकी याद को हमेशा के लिये अमर बनाया जाएंगा। उन्होंने बताया कि शहीद स्मृति उपवन देश का पहला ऐसा उपवन है जिसमें 527 शहीदों के नाम के पेड़ लगाएं गये है। इससे एक ओर हमारे पर्यावरण का संरक्षण होगा तो वहीं कारगिल युद्ध के शहीद वीर जवानों की याद हमेशा के लिये अमर होगी। उन्होंने कार्यक्रम में भारतीय थल सेना, वायुसेना एवं नौसेना के अधिकारियों एवं समस्त अतिथिगणों का अभिनंदन करते हुए धन्यवाद दिया।
कारगिल शहीद स्मृति उपवन में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर जनरल संजय हुड्डा रहे। इस अवसर पर शहीद यशवीर सिंह, शहीद जुबैर अहमद, शहीद सतपाल सिंह, शहीद योगेन्द्र सिंह, शहीद मनोज तलवार, शहीद सतीश कुमार के नाम के पेड़ शहीदों के परिजनों के साथ मिलकर रोपित किये गये। वंदे मातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ।
मंच का संचालन डा. नीरज कर्ण सिंह एवं अर्चिता भटनागर ने किया
इस अवसर पर श्री यशपाल सिंह, कुलसचिव डी.के सक्सैना, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, डा. डीसी सक्सैना, प्रतिकुलपति डा. विजय वधावन, डा.ए.के. श्रीवास्तव, डा. सत्यम खरे, डा. विनीता निखिल, डा.एसडी खान, डा.वैभव गोयल भारतीय, डा.महावीर सिंह, डा.अभय शंकरगौड़ा, प्रबन्धक उद्यान एसी पाठक व आनन्द पाल, डा.पिन्टू मिश्रा, डा.पूजा गुप्ता, डा.भावना ग्रोवर, विधि खंडेलवाल, डा.मनोज कपिल, डा.शिव मोहन, डा.मनोज त्रिपाठी, डा.संदीप चौधरी, डा. आरपी सिंह, डा.रवि, डा. प्रशान्त, असिस्टेंट डायरेक्टर पीपीडी ई.आकाश भटनागर, मीडिया प्रभारी अनम शेरवानी, विशाल सिंह, विवेक तिवारी, समीर सिंह, राजकुमार सागर सहित आयोजक समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहें।
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