सुभारती मेडिकल कॉलिज में ‘‘कोरोना काल में योग की भूमिका‘‘ के विषय पर सी.एम.ई. का आयोजन
कार्यक्रम का शुभारम्भ सुभारती मेडिकल कॉलिज प्राचार्य डा.ए.के.श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता पदमश्री डा.एस.सी. मनचन्दा को पौधा देकर व उनकी धर्म पत्नी डा. दामिनी मनचन्दा को पुस्तक भेंट करके किया।
कम्युनिटी मेडिसन के विभागाध्यक्ष डा. राहुल बंसल ने इन महान विभूति व प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ का संक्षेप परिचय देते हुये उनकी अभिन्न जीवन शैली के बारे में बताया। साथ ही उन्हांने कोरोना काल में योग की भूमिका के विषय पर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योग स्वास्थ्य लाभ पाने की ऐसी कुंजी है जो हमारे बीमार शरीर को रोग मुक्त करती है और योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक समय में व कोरोना काल में योग ने यह साबित कर दिया है कि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा से ही पूरे विश्व का कल्याण संभव है।
सुभारती मेडिकल कॉलिज के प्राचार्य डा.ए.के.श्रीवास्तव ने कहा कि योग पूरे विश्व को स्वास्थ्य की अनमोल देन है एवं योग के माध्यम से मानसिक एकाग्रता आती है और योग से ही तनाव, अनिंद्रा, दिल एवं विभिन्न प्रकार की बीमारियों का रोकथाम करके स्वस्थ जीवन व्यतीत किया जा सकता है। उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय व मेडिकल कॉलिज द्वारा छात्र छात्राओं को स्वास्थय के प्रति सजग बनाने के लिए विश्वविद्यालय के सभी कॉलिजों में योग के विभिन्न शिविर लगाकर योग के अमूल्य लाभों से रूबरू किया जा रहा है।
मुख्य वक्ता पदमश्री डा. एस.सी. मनचन्दा ने योग के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संक्रमित तथा गैर संक्रमित बीमारियों में योग की बहुत महत्ता है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए योग का उपयोग कोरोना से बचने में भी साबित किया। हृदय रोग विशेषज्ञ होते हुए उन्होंने योग का प्रयोग दिल की बीमारियों से बचने व ठीक होने में भी बताया और योग की भूमिका द्वारा 50 से अधिक बीमारियों को ठीक करने में प्रमाण दिये। उन्होंने विशेष कहा कि कोरोना महामारी के दौरान योग ने लोगो को बीमारी से बचाते हुए संजीवनी का काम किया है। उन्होंने कहा कि योग ऐसी विधि है जिसके नियमित करने से शरीर रोग मुक्त हो जाता है व हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इस दौरान प्रश्नों के जवाब में उन्होंने देसी घी व कच्ची धानी सरसों के तेल को सेहत के लिये बहुत फायदेमंद बताया तथा सफेद चीनी, मेदा, ट्रांसफैट, रिफाइंड ऑयल को हानिकारक बताया।
कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डा. छवि किरण गुप्ता ने किया।
कार्यक्रम में सुभारती मेडिकल कालिज के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षिकाएं, परास्नातक छात्र-छात्राएं, इन्टर्स, एम.बी.बी.एस. 2018 बैच के छात्र-छात्राय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कम्युनिटी मेडिसन के प्रोफेसर डा. पवन पाराशर, डा. अलका सिंह, डा. प्रतीक किशोर, डा. अभिषेक कुमार, डा. उद्धव चौधरी का विशेष सहयोग रहा।


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