मेरठ 30 सितंबर (चमकता युग) व्यक्ति के विचार पढने,सुनने और देखने से बनते है। किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके विचारों से बनता है। इसलिए व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया केलिए सभी विद्यार्थियों को सुबह के दो घंटे देश दुनिया की खबरों को जानने के लिए देना चाहिए। रात में सोने से पहले सभी को एक घंटे लेखन कार्य में व्यतीत करना चाहिए। उक्त विचार गुरुवार को आकाशवाणी दिल्ली की प्रोग्राम प्रेजेंटर और रेडियो जॉकी नेहा ककड़ ने गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों से साझा किया। जन-जन की आवाज रेडियो कार्यक्रम के विशेष व्याख्यान की मुख्य वक्ता नेहा कक्कड़ ने अपने उद्बोधन में रेडियो के उद्भव और विकास के बारे में बताते हुए कहा की भारत के जेसी बोस ने विश्व में सबसे पहले वायरलेस कम्युनिकेशन का आविष्कार किया मगर उन्होंने इसका पेटेंट नहीं कराया। गुग्लियो मार्कोनी के नाम से पेटेंट होने के कारण उसे रेडियो का जनक कहा जाता है। रेडियो कार्यक्रमों के जोनर को विस्तार से समझाते हुए उन्होंने कहा कि कार्यक्रम निर्माण के दौरान कार्यक्रम निर्माता को अपने श्रोताओं को ध्यान में रखते हुए, उनके भौगोलिक पृष्टभूमि को दृष्टिगत करते हुए कार्यक्रम का निर्माण करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि रेडियो आवाज का माध्यम है इसलिए वोईस मॉडयूलेशन की इसमें अहम् भूमिका होती है। कार्यक्रम के अंत में गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के अधिष्ठाता व प्राचार्य प्रो नीरज कर्ण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि माध्यम के रूप में आकाशवाणी की उपयोगिता सर्वाधिक है। ग्रामीण भारत में जिस माध्यम की सर्वाधिक पहुँच है उनमे पहला स्थान आज भी रेडियो का ही है। आकाशवाणी अपनी विश्वसनीयता के लिए घर घर में जाना जाता है। जनसंचार के विद्यार्थियों को रेडियो के कार्यक्रम निर्माण और प्रसारण के बारे में भी जानना अतिआवश्यक है।
कार्यक्रम का संयोजन सहायक प्राध्यापक प्रीती सिंह व संचालन महाविद्यालय के विद्यार्थी मंथन ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर अशोक त्यागी,डा.गुंजन शर्मा, संजय जुगरान सहित सभी कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित थे।
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