दो करोड़ रुपये मिलेगा बजट, लगेंगी हाईटेक मशीन।
मेरठ 06 नवंबर (चमकता युग) लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में डायबिटिक रेटिनोपैथी का उपचार जल्द शुरू होगा। इसके लिये विभाग ने तैयारी आरंभ कर दी हैं। शुगर के मरीजों की आंखों की रोशनी सुरक्षित रहे, इसके लिये समय रहते स्क्रीनिंग और उपचार किया जाएगा। उपचार केन्द्र खोलने के लिये करीब दो करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा.आर.सी गुप्ता ने बताया उन्होंने अपने पूर्व के कार्यकाल में प्रदेश के चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री से इसकी सिफारिश की थी। उनका यह प्रयास रंग लाया है। मेडिकल कालेज में दो करोड़ की लागत से डायबिटिक रेटिनोपैथी क्लीनिक शीघ्र बनेगा। इसमें जांच के लिये हाईटेक मशीनों की खरीद की जाएगी। इसमें प्रशिक्षित स्टाफ मरीजों का रिकार्ड बनाएगा। एक रेटिना विशेषज्ञ को भी नियुक्त किया जाएगा। डा.गुप्ता ने बताया शुगर के मरीजों के लिये यह बड़ी सौगात होगी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इसी साल इसकी शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने बताया शुगर की बीमारी के पांच साल बाद आंख के रेटिना पर असर पड़ना शुरू होता है।
क्या है डयबिटिक रेटिनोपैथी:
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक बीमारी है, जो ब्लड शुगर से पीड़ित व्यक्ति के रेटिना यानि आंख के पर्दे को प्रभावित करती है। यह रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली बेहद पतली नसों के क्षतिग्रस्त होने से होता है। समय पर उपचार न कराने से पूर्ण अंधापन भी हो सकता है। समय रहते उपचार बेहद जरूरी मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.लोकेश कुमार ने बताया बिगड़ती जीवनशैली से कम उम्र में भी लोग डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। इन मरीजों में अंधता का खतरा बना रहता है। ऐसे में वक्त पर स्क्रीनिंग कर उपचार किया जा सकता है।
इन बातों का रखें खास ख्याल:
1.वजन न बढ़ने दे 30 से 40 मिनट रोज व्यायाम करें, 2.फास्ट फूड तैलीय सामग्री से बचें, 3.40 साल के बाद रेटिनोपैथी की जांच कराएं, 4.मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने पर आंखों की जांच कराएं।
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