Wednesday, 5 January 2022

नौ जनवरी तक मनाया जाएगा“आईकोनिकल वीक ऑफ हेल्थ”।

आजादी के अमृत‌ महोत्सव के अंतर्गत होगा आयोजन।

टी.बी को लेकर सामुदायिक स्तर पर किया जाएगा संवेदीकरण।

टी.बी उन्मूलन के लिए जनजागरूकता जरूरी: डा.शिरीश जैन।

नोएडा 05 जनवरी (चमकता युग) आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आजकल जनपद में “आईकोनिक वीक ऑफ हेल्थ” का आयोजन किया जा रहा है। नौ जनवरी तक चलने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य है कि सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग के लक्षण, जांच और उपचार की जानकारी दी जाए। उम्मीद है कि इससे क्षय रोगियों की जल्दी पहचान हो सकेगी और जल्द ही उपचार शुरू हो सकेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डी.टी.ओ) डा.शिरीश जैन ने बुधवार को बताया कि सात और आठ जनवरी को प्रमुख धर्मगुरुओं का इस विषय पर संवेदीकरण का कार्यक्रम है। नौ जनवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठक, नुक्कड़ नाटक और मैजिक शो एवं अन्य जागरूकता गतिविधियों के आयोजन के साथ “आईकोनिक वीक ऑफ हेल्थ” संपन्न होगा। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का विशेष ध्यान रखा जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डी.टी.ओ) डा.शिरीश जैन ने बुधवार को बातचीत में बताया-सात और आठ जनवरी को प्रमुख धर्मगुरुओं का इस विषय पर संवेदीकरण का कार्यक्रम है। नौ जनवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठक, नुक्कड़ नाटक और मैजिक शो एवं अन्य जागरूकता गतिविधियों के आयोजन के साथ “आईकोनिक वीक ऑफ हेल्थ” संपन्न होगा। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने बताया पहले टी.बी की रोकथाम के लिए कार्यक्रम चलता था, अब पिछले दो वर्षों से टी.बी उन्मूलन के लिए काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य वर्ष 2025 तक देश को टी.बी की बीमारी से मुक्त करना है। उन्होंने कहा इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तो प्रयास कर ही रहा है लेकिन टी.बी उन्मूलन के लिए जन जागरूकता बहुत जरूरी है। यदि किसी को टी.बी के लक्षण हैं तो उसे तुरंत जांच करानी चाहिए। टी.बी का मरीज इलाज के अभाव में 15 से 20 लोगों को संक्रमित कर देता है। किसी भी व्यक्ति को दो हफ्ते या इससे अधिक समय से खांसी हो, बलगम के साथ खून आ रहा हो, बुखार रहता हो, रात को पसीना आता हो, सीने में दर्द और लगातार वजन कम होना टी.बी के लक्षण हो सकते हैं। टी.बी की आशंका होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग टी.बी की समस्त आधुनिक जांच और उपचार निशुल्क उपलब्ध कराता है। यह सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। टी.बी रोगियों को पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है, इसके लिए भारत सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार चलने तक हर रोगी को प्रति माह पांच सौ रुपए का भुगतान उसके खाते में किया जाता है। अच्छी प्रोटीन युक्त खुराक लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहती है, इसलिए टी.बी रोगियों को प्रोटीन युक्त भोजन की सलाह दी जाती है। डी.टी.ओ ने बताया एम.डी.आर यानि मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस टी.बी उन मरीजों को होती है जो उपचार पूर्ण होने से पहले ही दवा छोड़ देते हैं। उस स्थिति में टी.बी का उपचार मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा पूर्ण उपचार के लिए हर टी.बी मरीज को कम से कम छह माह दवा अवश्य खानी होती है। उसके बाद यदि जरूरत है तभी चिकित्सक उपचार जारी रखने की सलाह देते हैं। इसलिए नियमित रूप से दवा का सेवन करें और चिकित्सक की सलाह के बिना दवा न छोड़ें। डी.टी.ओ ने कहा-टी.बी के उपचार की सबसे बेहतर दवा स्वास्थ्य विभाग निशुल्क उपलब्ध कराता है और नियमित रूप से दवा खाने पर टी.बी पूरी तरह ठीक हो जाती है। उन्होंने बताया जनपद में वर्ष 2021 में 8837 मरीज, वर्ष 2020 में 7024, वर्ष 2019 में 9960 मरीज खोजे गये।

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