Wednesday, 5 January 2022

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) से पहचाने जाएँगे फसलों के बीच में उगे खरपतवार, जानें प्रोजेक्ट के बारे में।

इंदौर 04 जनवरी (चमकता युग) भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया (कू ऐप) पर दी जानकारी, दो युवा वैभव देवांगन और धीरज यादव ने ए.आई संचालित तकनीक की मदद से प्रोजेक्ट तैयार किया है। छत्तीसगढ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हर क्षेत्र में तेजी से इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। यह इंसानी जिंदगी का एक तरह से पहिया बनता जा रहा है। यही वजह है कि ए.आई का कारोबार तेजी से विस्तार ले रहा है। भारत में भी इसकी उपयोगिता बढ़ती जा रही है। भारत सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा दे रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छत्तीसगढ़ के दो युवा वैभव देवांगन और धीरज यादव ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है जिससे फसलों के बीच में उगे खरपतवारों को पहचानने में मदद मिलेगी। इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (कू) पर डिजिटल इंडिया ने एक वीडियो के साथ पोस्ट शेयर किया है। डिजिटल इंडिया ने लिखा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- द फ्यूचर ऑफ द नेशन, दो युवाओं ने ए.आई संचालित तकनीक की मदद से एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। 'ए.आई के लिए वीड डिटेक्टर सिस्टम', जो आसानी से खेतों में विभिन्न प्रकार के खरपतवारों की पहचान करता है और उन्हें हटाने में सहायता करता है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नर्रा के छात्र वैभव देवांगन और धीरज यादव द्वारा ए.आई तकनीक से तैयार किया गया यह प्रोजेक्ट किसानों के लिए मददगार साबित हो सकता है। हाल ही में केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने नई दिल्ली के भारतीय पर्यावास सेंटर में छत्तीसगढ़ के इन दोनों छात्रों को मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया था। छात्रों ने इस तकनीक के उपयोग से कृषि प्रधान राज्य के किसानों की सुविधा के लिए यह प्रोजेक्ट बनाया है। ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले किसान पुत्र, छात्र वैभव और धीरज ने इस सॉफ्टवेयर को फसलों के बीच उगे खरपतवारों को पहचानने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उपयोग से बनाया है।

जानें- क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:

असल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा अध्ययन है, जिसमें ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है, जिससे एक कंप्यूटर इंसान की तरह और इंसान से भी बेहतर प्रतिक्रिया (रिस्पॉन्स) दे सके। एक्सपर्ट सिस्टम, गेम प्लेइंग, स्पीच रिकग्निशन, नेचरल लैंग्वेज, कंप्यूटर विजन, न्यूरल नेटवर्क, रोबोटिक्स, फाइनेंस, कंप्यूटर साइंस, वेदर फोरकास्ट और एविएशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मुख्य एप्लिकेशंस हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने इंसानों के काम को बहुत आसान बना दिया है। जो काम 100 इंसानी दिमाग मिलकर करते हैं, उसे एक मशीन कुछ ही घंटों में कर देती है।

No comments:

Post a Comment

प्रधानाध्यापिका द्वारा हुआ पुरातन छात्र सम्मान समारोह का आयोजन।

मेरठ : उच्च प्राथमिक विद्यालय गगोल मेरठ में स्कूल की प्रधानाध्यापिका डा.कविता गुप्ता के द्वारा पुरातन छात्र सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।...