एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन की ओर से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए वर्कशॉप का आयोजन।
मेरठ 04 जुलाई (CY न्यूज) राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एन.टी.सी.पी) की नई गाइडलाइन को लेकर इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन(आई.ए.पी) की ओर से सोमवार को एक वर्कशॉप का आयोजन गढ़ रोड स्थित एक होटल में किया गया। वर्कशॉप में एन.टी.ई.पी की नई गाइडलाइन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी। वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अखिलेश मोहन, आई.ए.पी के अध्यक्ष डा.राजीव प्रकाश, पूर्व सचिव डा.तरुण गोयल ने संयुक्त रूप से किया। दिल्ली से आयी क्षय रोग विशेषज्ञ डा.संगीता शर्मा ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया-नई गाइडलाइन के तहत एल.पी.ए, ईग्रा, यू.डी.एस.टी से शुरुआत करनी चाहिए, जिससे रिफार्मसिन दवा रजिस्टेंस से ग्रसित तो नहीं है। अगर ऐसा है तो हम उस व्यक्ति का उपचार जांच के आधार पर कर सकते हैं। डा.अजय कुमार जैन ने कहा-नई गाइडलाइन से चिकित्सकों को टी.बी मरीज खोजने में काफी जानकारी मिल सकती है। डा.भसवा राजा ने चिकित्सकों को बताया-किस तरह से हम टी.बी से ग्रसित मरीजों को खोज कर उनका उपचार कर सकते हैं। पी.पी.एम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम ने बताया निक्षय पोर्टल पर टी.बी मरीज की सूचना को कैसे अपलोड किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया-यदि चिकित्सक के पास निक्षय पोर्टल पर मरीज का अपडेशन करने के लिए यूजर आई.डी और पासवर्ड नहीं है तो वह उनसे सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया प्रत्येक टी.बी मरीज का एच.आई.वी व शुगर का टेस्ट कराना अनिवार्य है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अखिलेश मोहन ने बताया-टी.बी एक नोटिफाइबल डिजीज है, जिसका नोटिफिकेशन करना अति आवश्यक है। उन्होंने वर्कशॉप में आए प्राइवेट बाल रोग विशेषज्ञों से अपील की कि अगर उनके पास इस तरह का कोई मरीज आता है तो तत्काल उसकी सूचना विभाग के साथ पोर्टल पर अपलोड करें। जिला क्षय रोग अधिकारी डा.गुलशन राय ने बताया-टी.बी लाइलाज बीमारी नहीं है। समय पर उपचार मिलने पर उसे समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने वर्कशॉप में आये बाल रोग विशेषज्ञों से कहा वर्ष 2025 तक देश से टी.बी को मुक्त कराने में सहयोग करें और प्राइवेट चिकित्सकों को दिए गए लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करें। प्रोजेक्ट के माध्यम से विशेषज्ञों ने टी.बी से कैसे मुक्ति पायी जा सकती है, इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। कार्यक्रम में डा.डी.के शर्मा, डा.मीरा जैन, डा.विनीत सक्सेना, शिशिर जैन, डा.अमित जैन, डा.पी.पी.एस चौहान, डा.आशु गुप्ता भसीन, डा.अंजुम , डा.अखलाक, डा.एम.डी शर्मा, डा.जे.एस मलिक, डा.जे.सी खोंखर, डा.पी.पी सिहं, डा.आशीष बिंदल, टी.बी विभाग से पी.पी.एम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम, सी.बी.एस.वी सतेन्द्र और मौ.नदीम मौजूद रहे।

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