श्री भूषण व कमल हास्पिटल के रजिस्ट्रेशन को सी.एम.ओ ने किया संस्पेड।
आरोपी चिकित्सक के खिलाफ भी बैठायी जांच।
आयुष्मान योजना का पैसा डकारने के लिये नामी डाक्टर के नाम पर आपरेशन कर डाले।
डिस्चार्ज स्लिप से हुआ फर्जीवाडे का भंडाफोड:
न्यूटीमा अस्पताल में पहुंचे मरीज के पास डिस्चार्ज स्लिप थी जिस पर डा.शरत का नाम दर्ज था। न्यूटीमा के स्टाफ ने मरीज को डा.शरत चंद्र के पास भेज दिया। डा.शरत चंद्रा ने मरीज की डिस्चार्ज स्लिप देखी को तो वह हैरान रह गए। उस पर उन्हीं का नाम और उनके नाम के स्पेलिंग वाली मुहर लगी थी। मरीज की सर्जरी भी डा.सरत की है। इसके बाद उन्होंने अन्य दस्तावेज भी देखे, जिसमें उनका ही नाम लिखा था। इससे पहले कई चिकित्सकों ने उनके नाम का प्रयोग कर ऐसे ही सर्जरी किए जाने के कई प्रकरण उनके संज्ञान में डाले थे लेकिन इसका कोई पुख्ता सबूत उन्हें नहीं मिल रहा था। गुरुवार को उन्हें मवाना स्थित एक अस्पताल की भी डिस्चार्ज स्लिप मिली। उसमें भी उनके नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर की मुहर लगी हुई थी। वहीं न्यूटीमा के डा.संदीप गर्ग ने बताया कि दूसरे अस्पताल के पर्चे में डा.शरत के एम.सी.आई में प्रयोग किए गए नाम का प्रयोग किया जा रहा है, जबकि न्यूटिमा में वह अपना नाम डा.शरत चंद्र गर्ग का प्रयोग करते हैं। डॉक्टर के फर्जी कागजात और मुहर से आयुष्मान में कराया पंजीकरण डा.शरत का नाम सिर्फ ऑपरेशन में ही नहीं इस्तेमाल किया गया, बल्कि उनके फर्जी कागज और मुहर के सहारे उक्त अस्पताल ने आयुष्मान के लिए अपना पंजीकरण करा कर पैनल ले लिया। ये सारे ऑपरेशन भी आयुष्मान योजना के तहत ही किए जा रहे थे।
इनका है कहना:
मेरे नाम का प्रयोग कर आयुष्मान पैनल वाले कई अस्पतालों में सर्जरी की जा रही है। यह सर्जरी कौन कर रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। मेरे गोपनीय दस्तावेजों का प्रयोग कर प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना पोर्टल पर अपलोड कर इन अस्पताल संचालकों ने पैनल ले लिया है। ये पूरी तरह से जालसाजी है। मेडिकल थाने में उक्त अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तहरीर दी गयी है। वही शरत चन्द्र की ओर से भी मेडिकल थाने में तहरीर दी गयी है।
श्री भूषण हॉस्पिटल कमल अस्पताल रजिस्ट्रशन रद्द:
श्री भूषण अस्पताल और कमल हॉस्टिल द्वारा नामी गिरामी चिकित्सक के नाम पर किए गये आपरेशन के मामले में सी.एम.ओ कार्यालय में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अखिलेश मोहन ने दोनो अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। फर्जीवाडा करने वाले डा.रोहित के खिलाफ जांच बैठा दी है। प्रकरण के बाद मेडिकल पुलिस हरकत में आ गयी। मेडिकल एस.ओं ने न्यूटिमा हास्पिटल पहुंच कर मरीज के बयान दर्ज किए। वही पूरे दिन मीडिया कर्मियों का अस्पताल जमावडा लगा रहा।
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