Friday, 30 September 2022

सुप्रीमकोर्ट का गर्भपात को लेकर अहम फैसला।

अविवाहित महिलाएं भी करा सकेंगी 24 हफ्ते तक अबार्शन।

नई दिल्ली (एजेंसी) 29 सितंबर (CY न्यूज) सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला किया है। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत अविवाहित महिला को भी गर्भपात का अधिकार है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेद कृत्रिम और संवैधानिक रूप से टिकाऊ नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब एम.टी.पी के तहत अविवाहित महिला को भी 24 हफ्ते तक गर्भपात कराने का अधिकार मिल गया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी महिला के वैवाहिक होने या न होने को लेकर हम गर्भपात का अधिकार उनसे नहीं छीन सकते हैं। बता दें कि कोर्ट के आदेश से पहले सामान्य मामलों में 20 हफ्ते से अधिक और 24 हफ्ते से कम के गर्भपात का अधिकार केवल विवाहित महिलाओं को ही था। न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना की पीठ ने एम.टी.पी अधिनियम की व्याख्या पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अविवाहित या एकल महिलाओं को विवाहिता की तरह 24 सप्ताह तक गर्भपात का लाभ दिया जा सकता है।

दुष्कर्म में विवाहिक दुष्कर्म भी शामिल:

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पति द्वारा किया जाने वाला दुष्कर्म 'मैरिटल दुष्कर्म' की दशा में भी पत्नी 24 सप्ताह की तय सीमा में अबार्शन करा सकती है। एम.टी.पी के तहत अब इन महिलाओं को भी अधिकार दिया जाना चाहिए।

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