बैठक मे मुख्य वक्ता के रूप मे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने वाट्सएप्प लाइव के माध्यम बताया की 1947 मे देश आजाद हो गया परंतु देश अभी भी अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कानूनों से चल रहा है, उन्होंने कहा की हमारे देश के थानों में आज भी 1860 की IPC और 1861 के पुलिस ऐक्ट चल रहे हैं। उन्होंने बताया की कानून की खामियों के चलते 4 लाख मंदिरों पर सरकार का कब्जा है जबकि चर्च, मस्जिद, मजार, दरगाह आदि पर कोई कानून नहीं। भारत इकलौता देश है जहाँ बहुसंख्यक समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता और धर्मांतरण नियंत्रण कानून के लिए संघर्ष कर रहा है।
ये हैं अंग्रेजों के जमाने के कानून
1836- बंगाल डिस्ट्रिक्ट एक्ट
1844- सेंट्रल एक्साइज एक्ट
1850- पब्लिक सर्वेंट (इंक्वायरीज) एक्ट
1860- इंडियन पीनल कोड
1861- पुलिस एक्ट
1869- डिवोर्स एक्ट
1872- एविडेंस एक्ट
1882- ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट
1874- मैरिड वीमन प्रोपर्टी एक्ट
1880- रिलीजियस प्रोपर्टी एक्ट
1922— दिल्ली यूनिवसर्टी एक्ट
इसके अतिरिक्त 211 अन्य कानून हैं जो 1860 से लेकर 1947 के बीच अंग्रेजी हुकूमत द्वारा बनाए गए थे। आज अंग्रेजों को गए 74 साल हो गए इन 74 सालों मे 17 सरकारें बनी पर इन कानूनों को खत्म करने या बदलाव करने की बात किसी सरकार ने नहीं सोची और इसी कारण देश मे अनेकों समस्याएं ऐसी हैं जिनका स्थाई समाधान कभी हो ही नहीं पाता।
बैठक मे जाने माने चिकित्सकों ने राष्ट्रहित मे अपनी चिंताए व्यक्त की एवं आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया।
डॉ. सूरी ने बताया की 8 अगस्त को मेरठ से कम से कम 100 लोग जंतर मंतर पहुचेंगे
बैठक मे सुशील सूरी, डॉ जे वी चिकारा, हिमांशु गोयल, विपुल सिंघल, अनिल सरीन, डॉ आशु मित्तल, डॉ आदेश धनकड़, के के चढ्ढा, विवेक कोहली, सुधीर जोहरी ,अशोक आनंद, एम. एल. अग्रवाल, संजय अग्रवाल, आशीष सिंह आदि उपस्थित रहे।

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