बच्चों को डायरिया निमोनिया व सांस की बीमारियों से बचाएं।
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे 15 अक्टूबर पर विशेष।
मेरठ 15 अक्टूबर (चमकता युग) कोरोना ने हर किसी को हाथों की पूर्ण स्वच्छता की अहमियत अच्छी तरह से समझा दिया है। हाथों को स्वच्छ रखकर कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य तरह की सक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। क्योंकि हाथों के जरिये मुंह व नाक के रास्ते कई बीमारियाँ शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं। इस बारे में समुदाय को पूरी तरह जागरूक करने के लिए ही हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। सी.एम.ओ डा.अखिलेश मोहन का कहना है कि रिपोर्ट बताती हैं कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों की होने वाली कुल मौत में करीब 17 प्रतिशत निमोनिया और 13 प्रतिशत डायरिया की चपेट में आने से होती हैं। अगर हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए तो इस आंकड़े में निश्चित रूप से कमी लाते हुए बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है। शुरूआती दिनों में बच्चे इन्हीं दोनों बीमारियों की चपेट में कई-कई बार आते हैं। क्योंकि वह इधर-उधर चीजों को छूने के बाद ऊँगली मुंह में डाल लेते हैं या तो उन्हीं अनदेखी गंदगी से भरे हाथों से कुछ खा-पी लेते हैं और वही डायरिया का प्रमुख कारण बनता है। लम्बे समय तक डायरिया की चपेट में रहने से बच्चे कुपोषण की भी जद में आ जाते हैं जो कि उनके पूरे जीवन चक्र को प्रभावित करता है । इसलिए जरूरी है कि बचपन में ही हाथों की सही सफाई की आदत बच्चों में डालें और इसे उनके व्यवहार में शामिल करने की कोशिश करें । साबुन-पानी से हाथों की सही तरीके से सफाई के छह प्रमुख चरण बताये गए हैं। जिसे सुमन के विधि से समझा जा सकता है ।
इन स्थितियों में हाथों की स्वच्छता का रखें खास ख्याल-
.खाना बनाने और खाना खाने से पहले
.शौच के बाद
.नवजात शिशु को हाथ लगाने से पहले
.खांसने या छींकने के बाद
.बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद
.कूड़ा-कचरा निपटान के बाद
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