Tuesday, 30 November 2021

विश्व एड्स दिवस (एक दिसंबर) पर विशेष।

एच.आई.वी ग्रसित मां के आंचल में गूंजी किलकारी,50 बच्चे हुए संक्रमण मुक्त।

सात साल में एच.आई.वी से ग्रसित 63 गर्भवती का सुरक्षित प्रसव।

50 बच्चे संक्रमण से किये गए सुरक्षित।

दो को नहीं किया जा सका एच.आई.वी से मुक्त, अन्य11 का उपचार जारी।

सात वर्षों में करीब 200973 लोगों की हुई एच.आई.वी जांच, 888 निकले पॉजिटिव।

नोएडा 30 नवंबर (चमकता युग) ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एच.आई.वी) एक लेंटिवायरस है, जो अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का कारण बनता है। अब से दो दशक पहले तक एच.आई.वी संक्रमण को जानलेवा माना जाता था, लेकिन चिकित्सा जगत में हुई तरक्की और चिकित्सकों के प्रयास से इस बीमारी से होने वाली मृत्यु पर काफी हद तक काबू पाया गया है। वैसे तो संक्रमण फैलने के कई माध्यम हो सकते हैं लेकिन गर्भवती महिला से उसके बच्चे को यह संक्रमण होने की आशंका सबसे अधिक होती है। दरअसल गर्भ में पल रहा शिशु अपने पोषण के लिए मां पर ही निर्भर रहता है ऐसे में उसके संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। अच्छी बात यह है कि अब उपचार से ऐसे बच्चों को एच.आई.वी संक्रमण से बचाया जा सकता है जिनकी मां एच.आई.वी पॉजिटिव हैं। जनपद गौतमबुदध नगर में स्वास्थ्य विभाग लगातार एड्स जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत जहां लोगों की काउंसलिंग की जाती है, जांच की जाती है वहीं उन गर्भवती का सुरक्षित प्रसव भी कराया जाता है, जो एच.आई.वी पॉजिटिव होती हैं। विभाग के प्रयासों से 2010 से अब तक एच.आई.वी पॉजिटिव पायी गयीं 63 गर्भवती के प्रसव कराये गये। इनमें 50 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें एच.आई.वी संक्रमण से बचा लिया गया है। दो बच्चे एच.आई.वी पॉजिटिव रह गये। 11 बच्चे अभी उपचाराधीन हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डा.शिरीश जैन ने बताया एच.आई.वी पॉजिटिव महिला को गर्भधारण के तीसरे महीने से ही ए.आर.टी (एंटी रेट्रो वायरल) की दवा देना शुरू कर दिया जाता है। सेफ डिलीवरी किट के माध्यम से संस्थागत प्रसव कराया जाता है। प्रसव के आधा घंटे के भीतर नवजात को चिकित्सक की मौजूदगी में एक दवा दी जाती है। अधिकतम पांच दिन के भीतर यह डोज देनी होती है। इसके ठीक 45 दिन बाद सी.पी.टी की दवा दी जाती है। फिर बच्चे की एच.आई.वी जांच करायी जाती है। ऐसे मामलों में 18 महीने तक दवा चलती है। वहीं इन बच्चों के माता-पिता का उम्रभर उपचार चलता है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार सात वर्षों में हुई जांच के नतीजे

वर्ष       काउंसलिंग            जांच         एच.आई.वी पॉजिटिव

2015      24304              23248              106

2016      26920              26407              110           

2017      30739              30201              129              

2018      37491              37343              161        

2019      40686              40657              203               

2020      22850              22827               91              

2021      20353              20290               88

कुल        203343            200973             888

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