मेरठ 26 दिसंबर (चमकता युग) साहित्य, कला व संस्कृति को समर्पित क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी, मेरठ द्धारा आयोजित तीन दिवसीय पंचम मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के तृतीय दिवस में प्रथम सत्र मे पुस्तक परिचर्चा सत्र आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रूडकी, उत्तराखंड से वरिष्ठ साहित्यकार व राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य डा.योगेन्द्रनाथ शर्मा अरूण रहे। इस अवसर पर डा.योगेन्द्रनाथ शर्मा अरूण ने कहा कि साहित्य किसी भी भाषा में लिखा जाए वह देश दुनिया को आपस में जोडना सिखाता है। सत्र संचालन वरिष्ठ गज़लकार डा.रामगोपाल भारतीय द्वारा किया गया। मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय में सहायक निदेशक डा.रघुवीर शर्मा रहे उन्होंने अपने उद्वबोधन मे पंक्तियां सुनाई।
कितने दिनों के बाद मुलाकात हुई है,
आँखों से मेरे अश्क की बरसात हुई है
तुम आज जब मिले तो यादों में डूबकर
इतना भी भूल गए, आधी रात हुई है
विशिष्ट अतिथि के रूप में आध्यात्मिक गुरु व लेखक आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि प्रत्येक रचना एक संदेश लिए होनी चाहिए, जापान से लेखिका रमा शर्मा ने कहा कि भविष्य में वह इंडो जापान लिट फेस्ट का आयोजन क्रांतिधरा साहित्य अकादमी के साथ मिलकर आयोजित करेंगी, समाजसेवी प्रशांत कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन से मेरठ परिक्षेत्र की एक नई पहचान बन रही है। आयोजन के समापन सत्र में आयोजक पूनम पंडित ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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