Tuesday, 8 February 2022

जी.आर.आई साउथ एशिया चार्टर सदस्यता हासिल करने वाली भारत में पहली कंपनी बनी 'अदाणी ग्रीन'

नेशनल 08 फरवरी (CY न्यूज) दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर डेवलपर और वैश्विक अदाणी ग्रुप की अक्षय ऊर्जा शाखा, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (ए.जी.ई.एल) को सस्टेनेबिलिटी इम्पेरेटिव्स पर जी.आर.आई साउथ एशिया चार्टर का सदस्य बनने की मंजूरी मिल गई है। ए.जी.ई.एल ने अप्रैल 2021 में जी.आर.आई साउथ एशिया चार्टर के लिए एक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में, जी.आर.आई के एक कॉल के जवाब में इस खोज की शुरुआत की थी। अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती से दर्शाते हुए, कंपनी ने अब स्पष्ट रूप से पहचान बना चुके संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी) के साथ अपनी एक घोषणा पेश की है, जो आने वाले सालों में अपना प्रभाव डालेगी। यह एस.डी.जी.स, ए.जी.ई.एल की सतत विकास रणनीति और इसके मापन योग्य प्रभाव को दर्शाता है। ए.जी.ई.एल के एम.डी और सी.ई.ओ विनीत एस जैन ने कहा, "ए.जी.ई.एल अपनी सस्टेनेबल परफॉरमेंस को बढ़ाने और इंटरनल डाटा मैनेजमेंट व रिपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत बनाते हुए, एक प्रभावी कॉर्पोरेट सिटीजन के रूप में विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने आगे कहा, व्यवसायों में सस्टेनेबिलिटी एकीकृत है, और यह प्रोजेक्ट चक्र के प्रत्येक चरण पर नजर आता है। पूरी तरह से अक्षय ऊर्जा कंपनी होने के नाते, हमारे व्यावसायिक लक्ष्य जलवायु परिवर्तन की चिंताओं और इसके प्रभावों को कम करने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप हैं। हरित व्यवसाय के स्पष्ट लाभों से आगे बढ़ते हुए, हमने इसे एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट संगठन बनाने के लिए कई पहल की हैं।

उन तीन एस.डी.जी को समझें जहां ए.जी.ई.एल अपना प्रभाव डालने जा रहा है:

एस.डी.जी 7 जिसमें सभी के लिए अफोर्डेबल, मॉर्डर्न और क्लीन एनर्जी तक पहुंच शामिल है, और यह अनिवार्य रूप से विश्वसनीय व टिकाऊ है। सतत विकास लक्ष्य 7 हासिल करने के लिए पूरे पोर्टफोलियो में औसत टैरिफ, नेशनल ए.पी.पी.सी से कम होगा। लागत में कमी से प्रौद्योगिकी में सुधार, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग करके संसाधनों का अनुकूलन तथा मशीन लर्निंग से संबंधित डिजिटल पहल के माध्यम से प्राप्त की जाएगी। एस.डी.जी 9 में अधिक निवेश की संभावनाएं हैं जो राष्ट्रीय स्तर से औसत टैरिफ को नीचे रखकर, अक्षय क्षमता वृद्धि के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, एक लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण करता है, साथ ही समावेशी और टिकाऊ औद्योगीकरण व नवाचार को बढ़ावा देने की बात करता है। इसके अलावा, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, मशीन लर्निंग और इनोवेशन जैसे कई डिजिटल इंटरवेंशन भी पाइपलाइन में हैं। डिजिटलाइजेशन को भविष्य के लिए तैयार दूरस्थ संचालन, बेहतर दक्षता, संसाधन अनुकूलन और ऊर्जा दक्षता की कुंजी के रूप में माना जाता है, जिससे लागत में कमी आती है और टैरिफ प्रतिस्पर्धी रहता है। एस.डी.जी 13, कंपनियों को जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करता है। ए.जी.ई.एल ने 2030 तक 45 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता के संचालन का लक्ष्य रखा है। ए.जी.ई.एल ने इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने संचालन और कैपेक्स योजनाओं को संरेखित किया है। इन उपायों के माध्यम से, कंपनी जलवायु परिवर्तन को कम करने और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य की ओर अपने सफर में, कंपनी ने मार्च 2021 तक 14.64 मिलियन टी.सी.ओ2 विस्थापित किया है।

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