मेडिकल कालेज में हुआ गुर्दा रोग विभाग पूर्ण रूप से क्रियाशील।
मेरठ 24 जून (CY न्यूज) हमारा मुख्य उद्देश्य मरीज के गुर्दा रोग के लक्षणों की शीघ्र पहचान कर इलाज आरम्भ करना है ताकि मरीज को डायलिसिस तक जाने की स्थिति पैदा ही न हो उससे पूर्व ही मरीज स्वस्थ हो जाये। जनमानस से निवेदन है कि यदि उनको गुर्दा रोग के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत मेडिकल कालेज के गुर्दा रोग विभाग में उचित सलाह प्राप्त कर स्वास्थ्य लाभ लें। यह बात मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.आर.सी गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज के गुर्दा विभाग को पूरी तरह क्रियाशील होने पर कही। प्रधानाचार्य डा.गुप्ता ने बताया-अब सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, पी.एम.एस.एस.आई लाल बिल्डिंग में नेफ्रोलॉजी विभाग पूर्ण रूप से क्रियाशील है। डा.इंद्रजीत एवं डा.अर्पित श्रीवास्तव सोमवार से शनिवार प्रतिदिन ओ.पी.डी करते हैं। विभाग में डायलिसिस के लिए कुल आठबेड हैं। विभाग में रीनल बायोप्सी, मरीज में सेंट्रल लाइन कैथेटर रोपित करने की भी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मीडिया प्रभारी डा.वी.डी पाण्डेय ने बताया गुर्दा रोग से ग्रसित मरीजों के मुख्य लक्षण पावँ में सूजन आना, मूत्र में रक्त का आना, पेशाब कम मात्रा में आना, मिचली आना, थकान महसूस करना, सांस फूलना, सांस चढ़ जाना, युवाओं में रक्त चाप बढ़ जाना आदि हैं। डा.अर्पित श्रीवास्तव ने कहा कि यदि इस तरह के लक्षण किसी भी व्यक्ति में परिलक्षित होते हैं तो उसे अनदेखा न करें, उसे गम्भीरता से लें और शीघ्र अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जा कर चिकित्सक से सम्पर्क करें।यदि वह गुर्दा रोग से ग्रसित है तो मेडिकल कॉलेज के गुर्दा रोग विभाग में आकर उचित स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें। इलाज जल्दी शुरू हो परगुर्दों को बचाने की संभावना बढ़ जाती है। डायलिसिस जैसी गम्भीर स्थिति नहीं पैदा होती है।इस अवसर पर सुपर स्पेशलिटी विभाग प्रमुख डा.सुभाष दहिया, डा.इंद्रजीत, डा.अर्पित श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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