एम.एस.डी.सी ने लगाया अंधविश्वास फैलाने का आरोप।
मुंबई (एजेंसी) 22 अगस्त (CY न्यूज) महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (एम.एस.डब्ल्यू.सी) ने सोमवार को राज्य के विभिन्न शहरों में महिलाओं और बच्चों से जुड़ी अंधविश्वास की घटनाओं के बाद तांत्रिकों और स्वयंभू संतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एम.एस.डब्ल्यू.सी ने औरंगाबाद, नागपुर और पुणे में हाल ही में रिपोर्ट की गई घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया है और इस तरह की प्रथाओं को बढ़ावा देने वाले स्वयंभू संतों खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने पी.टी.आई से बात करते हुए कहा, "हमने नागपुर पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो को तांत्रिकों और बाबों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।" चाकणकर ने कहा कि नागपुर में एक तांत्रिक के आदेश पर बोलने में असमर्थ छह वर्षीय लड़की को कथित तौर पर उसके माता-पिता ने मार डाला था। तांत्रिक ने दावा किया था कि बच्ची एक बुरी आत्मा के पास है। उन्होंने आगे कहा, इसी तरह औरंगाबाद में रिपोर्ट की गई एक अन्य घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक संत को एक महिला के सिर पर हाथ रखते हुए देखा जा सकता है, जो बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहा है। एम.एस.डब्ल्यू.सी प्रमुख ने आगे कहा, पुणे में एक महिला को बेटे को जन्म देने के लिए लोगों के सामने निर्वस्त्र स्नान करने के लिए मजबूर किया गया। घटना के बाद महिला के पति, ससुराल वालों की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने साधु को गिरफ्तार किया।

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