सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर वीरीना फाउंडेशन ने टी.बी मरीजों को वितरित किया पोषाहार।
मेरठ 08 अक्टूबर (CY न्यूज) प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरखौदा में वीरीना फाउंडेशन ने टी.बी से ग्रसित मरीजों को पोषाहार वितरित किया। वरिष्ठ चिकित्सक डा.अनिल व डा.ए.के हांडा व क्षय रोग अधिकारी डा.शेखर त्यागी ने टी.बी मरीजों को पोषाहार प्रदान किया। इस मौके पर चिकित्सा अधिकारियों ने टी.बी मरीजों को नियमित दवा सेवन की सलाह दी। टी.बी मरीजों को पोषाहार प्रदान करते हुए डा.अनिल कुमार ने कहा कि टी.बी लाइलाज बीमारी नहीं है। इसका उपचार संभव है। उन्होंने कहा टी.बी के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच जरूर कराएँ। टी।बी की जाँच और उपचार पूरी तरह से निशुल्क है। इलाज के दौरान टी।बी रोगी के खाते में प्रतिमाह 500 रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने मरीजों से कहा कि पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद वह टीबी चैम्पियन बनकर दूसरे मरीजों के मददगार बनें। फफूंडा निवासी नजमा को चार माह पूर्व टी.बी के लक्षण दिखाई दिए थे। सी.एच.सी खरखौदा में जाँच कराने पर टी.बी की पुष्टि हुई। लगातार दवा के सेवन से काफी आराम है। लौटी निवासी आफसा का कहना था कि तीन माह पूर्व उसे लगातार बुखार आ रहा था, जिस पर सी.एच.सी खरखौदा में जांच करायी तो टी.बी की पुष्टि हुई। वह तभी से लगातार विभाग से मिली दवा का सेवन कर रही है। मुंडाली निवासी जेबा ने बताया-दो माह पूर्व उसे लगातार खांसी आ रही थी। जांच कराने पर पता चला टी.बी है। बिना घबराए तब से लगातार दवा का सेवन कर रही हूँ और आराम है। वीरीना फाउंडेशन के निदेशक धीरेन्द्र सिंह ने बताया-उनकी संस्था नारी सशक्तिकरण पर कार्य कर रही है। संस्था की ओर से अभी तक 36 टी.बी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। उनमें से 21 टी.बी मरीज ठीक होने की कगार पर हैं। स्वस्थ होने वाले मरीज अब टीबी के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। उन्होंने बताया-संस्था की ओर से लगातार घर-घर जाकर टी.बी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। संस्था ने सर्वे के दौरान कई ऐसे मरीजों की तलाश की जिनमें टी.बी के लक्षण दिखाई दिये, उनको जांच के लिये जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज भेजा गया।

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