इस अवसर पर जिला सचिव लवली,शावेज़, राहुल तोमर, शेखर ,गौरव,संजय आदि मौजूद रहे।ज्ञापन मे प्रधान मन्त्री जी से मांग की गई की आबादी तथा क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तर प्रदेश कितना बड़ा राज्य है कि 25 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या के साथ दुनिया के 5वें सबसे बड़े देश के समकक्ष है । इसके चलते आजादी के 71 साल बाद भी कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षा खेल स्वास्थ्य रोजगार और विकास के हर पैमाने पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा पिछड़ा हुआ है । प्रदेश की राजधानी लखनऊ पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों से 700 किलोमीटर तक की दूरी पर है प्रदेश के सभी विभागों के मुख्यालय लखनऊ,कानपुर व इलाहाबाद में है । जिसके चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से 850 किलोमीटर तक की दूरी पर है। यहां के नागरिकों को मुकदमों की पैरवी के लिए हाई कोर्ट पहुंचने में धन एवं समय अधिक खर्च करना पड़ता है ।उत्तर प्रदेश की आय से 70 से 80 % तक की भागीदारी देता है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक भी एआईएमएस, एनआई टी, आई आई टी , आई आई आई टी व आई आई एम नहीं है ।
उत्तर प्रदेश में 30 स्टेट यूनिवर्सिटी हैं जिसमें से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ करोड़ जनता के लिए मात्र 6 ही हैं ।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी 5 में से सिर्फ एक ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है उत्तर प्रदेश के 30 मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ पांच ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है हर क्षेत्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हालत बहुत खराब हो चुकी है और यह बीमारू राज्यों में शामिल है ।पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए 1953 में चौधरी चरण सिंह जी समेत 97 विधायकों ने राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दिया था 1955 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी यूपी के बंटवारे की वकालत कर चुके हैं।
नितिन भारद्वाज, ब्योरो चीफ, मेरठ ।

No comments:
Post a Comment