वहीं शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचीं पूनम पंडित को मायूसी हाथ लगी। गेट पर मौजूद सिपाही ने टाइम टेबल का पाठ पढ़ाया।पूनम पंडित ने जब कहा कि आईएएस-आईपीएस से 24 घंटे मिलने का अधिकार है तो दरोगा ने कड़े शब्दों में कहा कि विशेष परिस्थितियों में ही जैसे कहीं बम फट गया हो...! उन्होंने एफआईआर हाथ में लेकर उसको दर्ज करने की तिथि देखी और कानून का पाठ पढ़ाते हुए हिदायत दी कि 90 दिन के बाद ही आप पुलिस से सवाल कर सकती हैं।
पूनम पंडित ने कहा कि किसी महिला को लेकर सार्वजनिक टिप्पणी की जाती है और पुलिस 90 दिन का पाठ पढ़ाती है। बेहद दुःख की बात है कि जिस कप्तान के निष्ठा व कर्मठता के कारनामे सुनकर वह यहां आईं, असल मे वह भी कागजी ज्ञान पर ही निर्भर हैं। पूनम ने कहा कि भले ही पूरी रात रुकना पड़े लेकिन, वह आज एसएसपी प्रभाकर चौधरी से मिलकर ही जाएंगी।

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