सुरक्षित गर्भसमापन पर आशा कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण।
एम.टी.पी एक्ट के बारे में भी दी गई जानकारी।
मेरठ 09 नवंबर (चमकता युग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सी.एच.सी) दौराला पर मंगलवार को साझा प्रयास नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण समाज विकास केंद्र संस्था द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें आशा,ए.एन.एम को एम.टी.पी एक्ट, सुरक्षित गर्भ समापन, परिवार नियोजन, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में बताया गया। साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि सुरक्षित गर्भ समापन की सुविधाएं कब, कहां, और किन परिस्थितियों में ली जा सकती है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आर.सी.एच) डा.पूजा शर्मा ने बताया भारत में असुरक्षित गर्भपात की संख्या, सुरक्षित गर्भपात की संख्या से कहीं अधिक है और कुल मातृ मृत्यु दर एम.एम.आर में इसका योगदान लगभग आठ प्रतिशत है। असुरक्षित गर्भसमापन के दौरान जिन महिलाओं की जान बच जाती है, तो भी उन्हें लम्बे समय तक जटिलताओं एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे-खून की कमी, संक्रमण और बांझपन। इसके मुख्य कारण महिलाओं की सुरक्षित गर्भपात सेवाओं पर सीमित पहुंच तथा महिलाओं व उनके परिवारों को गर्भपात की कानूनी मान्यता के बारे में जानकारी का अभाव है। असुरक्षित गर्भपात से होने वाली मातृ मृत्यु को गर्भपात सेवाओं तक बेहतर पहुँच और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं द्वारा रोका जा सकता है। उन्होंने कहा-साझा प्रयास द्वारा किया जा रहा यह प्रयास महिलाओं में जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है, जिससे महिलाएं सुरक्षित गर्भपात, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, एम.टी.पी एक्ट के बारे में जागरूक होंगी और मातृ मृत्यु दर को कम करने में योगदान मिलेगा। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मुकेश शिवालिया ने कहा-कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भपात की मूल बातें, भारत में गर्भपात के कानूनों, भारत में स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर गर्भपात सेवाओं तक पहुंच और गर्भपात के बारे में महिलाओं में ज्ञान को बढ़ाना है। ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहर चंद ने कहा-महिलाओं को असुरक्षित गर्भपात से बचने के लिए चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए, किसी भी असामान्य परिस्थिति में अपने नजदीकी अस्पताल, सी.एच.सी, पी.एच.सी पर जाना चाहिए, जहां प्रशिक्षित चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सुरक्षित गर्भ समापन की सेवाएं लेनी चाहिए। महिलाएँ सुरक्षित गर्भपात सेवाओं का लाभ क्यों नहीं ले पाती गर्भपात कानूनन मान्य है, इस जानकारी का अभाव है। गर्भपात से जुड़ी भ्राँतियाँ और अवधारणाएँ। प्रशिक्षित सेवा प्रदाताओं का अभाव, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। गर्भपात से संबंधित मुद्दों में, सेवा प्रदाताओं में संवेदनशीलता की कमी। स्वास्थ्य केंद्रों पर गोपनीयता और विश्वसनीयता का अभाव। अगर कोई किशोरी गर्भपात सेवाएँ प्राप्त करना चाहती है, तो उसे हीन दृष्टि से देखा जाता है।
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