Thursday, 3 February 2022

होम्योपैथी में भी है कैंसर का उपचार: डा.सीमा यादव।

“क्लोज द केयर गैप” है इस बार विश्व कैंसर दिवस की थीम।


नोएडा 03 फरवरी (CY न्यूज) कैंसर का नाम सुनते ही मरीज और तीमारदार दोनों के मन में भय बैठ जाता है। ऑपरेशन, कीमो, रेडियोलॉजी और एलोपैथी इलाज के अलावा कुछ सूझता ही नहीं है, लेकिन होम्योपैथी में भी कैंसर का उपचार है। जिला होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डा.सीमा यादव का कहना है ‘कैंसर जैसी घातक बीमारी का इलाज भी होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में उपलब्ध है। बीमारी का शुरुआत में ही पता चल जाने पर इसका उपचार सुगम हो जाता है।’ उन्होंने बताया कई बार होम्योपैथी से इलाज कराने के लिए ऐसे भी मरीज आते हैं, जिन्हें ऐलोपैथी से लाभ नहीं होता और वह कीमो कराना नहीं चाहते, यानि आखिरी विकल्प के रूप में होम्योपैथी को चुनते हैं। उन्होंने कहा ऐसे कई मरीज हैं, जिन्होंने होम्योपैथी के उपचार से कैंसर को हराया है। उन्होंने कहा नियमित जांच कराने से सभी बीमारियां जल्दी पकड़ में आ जाती हैं और उनका इलाज आसान हो जाता है। कैंसर के मामले में मरीज के ठीक होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि कैंसर किस स्थति में है, कहां है, कितना बड़ा है और आस-पास के अंगों या ऊतकों को कितना प्रभावित कर चुका है। कोई भी कैंसर जब बढ़ता है, तो वह आसपास के अंगों, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं पर दबाव देना शुरू कर सकता है। यह दबाव कैंसर के कुछ लक्षणों और संकेतों को दर्शाता है। डा.सीमा का कहना हैं ‘वैसे तो होम्योपैथी में हर बीमारी का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है लेकिन कैंसर के मामले में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।’ 

शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है कैंसर:

कैंसर शरीर के किसी अंग में हो सकता है। पुरुषों में फेफड़े, मुंह, प्रोस्टेट, बड़ी आंत और लिवर जबकि महिलाओं में स्तन, गर्भाशय का कैंसर अधिक होता है। यदि शरीर के किसी अंग में गांठ, घाव, सूजन अथवा रक्त स्राव की समस्या है तो उसे नजरअंदाज न करें। तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

तंबाकू, अल्कोहल के सेवन से बचें नियमित व्यायाम करें

डा.सीमा का कहना है सभी को बीमारियों के प्रति सचेत रहना चाहिए। कुछ भी समस्या होने पर स्वयं इलाज नहीं करना चाहिये। नियमित व्यायाम, संयमित दिनचर्या और पौष्टिक आहार शरीर को काफी हद तक निरोगी रखने में सहायक है। तंबाकू, अल्कोहल, ज्याद तेल-घी से बने भोजन, लाल मीट के सेवन से बचना चाहिये। व्यायाम से ऊतकों की सक्रियता बनी रहती है।

चार फरवरी को मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस:

विश्व कैंसर दिवस हर साल चार फरवरी को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य कैंसर की गंभीर जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना है। भारत और दुनिया भर में हर साल बड़ी संख्या में लोग इस घातक बीमारी से पीड़ित होते हैं और जान से हाथ धो बैठते हैं। विश्व कैंसर दिवस की इस साल की थीम “क्लोज द केयर गैप” रखी गयी है।

कैंसर के लक्षण:

1.शरीर का वजन अचानक के कम या ज्यादा होना।

2.थकान और कमजोरी महसूस होना।

3.त्वचा के किसी हिस्से में बार-बार नील पड़ना।

4.त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना

5.लगातार एक महीने से खांसी या सांस लेने में कठिनाई होना।

6.त्वचा में बदलाव होना (जैसे त्वचा पर किसी गांठ के आकार या संरचना में कुछ बदलाव होना)।

7.त्वचा में जल्दी निशान पड़ जाना।

8.प्रमुख कारण।

9.तंबाकू उत्पादों का सेवन।

10.अल्कोहल का सेवन।

11.मोटापा।

12.प्रदूषण।

13.बीमारियों की अनदेखी।

8.प्रमुख कारण।

9.तंबाकू उत्पादों का सेवन।

10.अल्कोहल का सेवन।

11.मोटापा।

12.प्रदूषण।

13.बीमारियों की अनदेखी।

8.प्रमुख कारण।

9.तंबाकू उत्पादों का सेवन।

10.अल्कोहल का सेवन।

11.मोटापा।

12.प्रदूषण।

13.बीमारियों की अनदेखी।

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