सुरक्षित गर्भ समापन व एम.टी.पी.एक्ट 2021 में हुए संशोधन पर हुई चर्चा।
मेरठ 17 अप्रैल (CY न्यूज़) साझा प्रयास नेटवर्क के तहत उपकेंद्र रुकनपुर व पचपेड़ा में आशा व आगंनबाड़ी के साथ बैठक का आयोजन किया गया और सुरक्षित गर्भ समपान, परिवार नियोजन व एम.टी.पी एक्ट 2021 में हुए संसोधन पर विस्तार से चर्चा की गई। परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.पूजा शर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन का अर्थ है यह तय करना कि आपके कितने बच्चे हों और कब हों ? अगर आप बच्चे पैदा करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करना चाहते हैं तो अनके उपलब्ध साधनों में से कोई एक साधन चुन सकते हैं। इन्हीं साधनों को परिवार नियोजन के साधन, बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के साधन या गर्भ निरोधक साधन कहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख महिलाएं गर्भधारण, प्रसव, तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण मृत्यु की शिकार हो जाती है। इनमें अनके मौतों को परिवार नियोजन के द्वारा रोका जा सकता है। प्रोग्राम एंड रिसर्च ऑफिसर ने साझा प्रयास नेटवर्क के बारे में विस्तार से समझाते हुए सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन द्वारा अनचाहे गर्भ एवं गर्भ से संबंधित जटिलताओं को कम करने से 30 प्रतिशत तक मातृ मत्यु दर कम हो सकती है। उन्होंने एम.टी.पी.एक्ट (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 2021) में हुए संशोधन पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए गर्भसामपन की अधिकतम सीमा 20 से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दी गई है लेकिन इसके लिए एक पंजीकृत चिकित्सक और 20-24 सप्ताह के गर्भसमापन के लिए पंजीकृत चिकित्सक की राय जरुरी है। इसके साथ ही अविवाहित महिलाएं भी गर्भ निरोधक साधनों की विफलता होने पर गर्भसमापन की सेवा ले सकती है। लेकिन इसके लिए गोपनीयता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

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