Saturday, 4 June 2022

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष।

आओ एक पेड़ लगाएं, जीवन को खुशहाल बनाए-नेहा कुशवाहा।

औरैया/दिबियापुर (संवाददाता विपिन गुप्ता) 04 जून (CY न्यूज) पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा गृह है, जहां जीवन है। यह इंसान को दी हुई ईश्वर की सबसे बड़ी भेंट है। ऐसा कहा जाता है कि जब कोई वस्तु हमें भेंट स्वरूप मिलती है। तो उस अमूल्य भेंट का हमें सम्मान करना चाहिए। इस हिसाब से पृथ्वी का सम्मान और संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। हम सब विकास और आधुनिकता की दौड़ में सदैव गतिमान रहते हैं और रहना भी चाहिए लेकिन इसी के साथ हमें अपनी पृथ्वी के सम्मान और संरक्षण का भी ध्यान रखना अति आवश्यक है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों के मुताबिक बिच्छू के बच्चे पैदा होते ही अपनी माँ की पीठ पर चिपक जाते हैं। और उसका जिस्म ही उनका आहार होता है। वे बच्चे तब तक चिपके रहते हैं। जब तक बिच्छु जिन्दा रहता है। उसके जिस्म का सारा मांस जब ख़त्म हो जाता है। और बिच्छू मर जाता है। तब उसके पीठ से वे बच्चे उतर जाते हैं। और फिर स्वतंत्र होकर जीते हैं। अब तक 2852 पौधे रोपित करने वाली राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्राप्त छात्रा नेहा कुशवाहा का कहना है कि बिच्छू के बच्चे अपनी ही जन्म दात्री मां को मारकर स्वतंत्र होकर जीते हैं लेकिन हम लोग अपनी जीवनदायिनी पृथ्वी को नष्ट करके कभी भी स्वतंत्र जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इस लिए हम सब मिलकर "आओ एक पेड़ लगाएं, जीवन को खुशहाल बनाएं"।

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