Tuesday, 12 July 2022

परिवार नियोजन में पुरुष भागीदारी बढ़ाने में अनूठी मिसाल बनीं ए.एन.एम ज्योति।

कोरोना काल में 35 पुरुषों की नसबंदी करवायी।

पुरुष नसबंदी मामले में मंडल में ज्योति का नाम पहले स्थान पर।

मेरठ 11 जुलाई (CY न्यूज) परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी के लिये विभाग की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग की आशा, ए.एन.एम भी परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी के लिए अभियान चला रहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परीक्षितगढ़ की ए.एन.एम ज्योति के प्रयास रंग लाये हैं। अपने प्रयास से उन्होंने वित्तीय वर्ष 21-22 में 35 पुरुष नसबंदी करा कर मंडल में प्रथम स्थान हासिल किया है। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि शारीरिक बनावट की वजह से महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल और सुरक्षित है। गर्भावस्था को रोकने के साथ ही संक्रमण को रोकना और यौन व प्रजनन स्वच्छता में सुधार करना पुरुष की भी जिम्मेदारी है। मूल रूप से हापुड़ के गांव ततारपुर निवासी ए.एन.एम ज्योति की सी.एच.सी परीक्षितगढ़ पर फरवरी 2015 में तैनाती हुई थी। ज्योति का कहना है परिवार नियोजन में जब महिलाएं आगे आ सकती हैं तो पुरुषों की सहभागिता कम क्यों रहे। इसी संकल्प को लेकर उन्होंने अपने क्षेत्र की सी.एच.सी के अंतर्गत आने वाले गांवों में पुरुषों को नसबंदी के लिये जागरूक करना आरंभ किया। उन्होंने बताया सबसे पहले उन्होंने उन पुरुषों से सम्पर्क साधा जो अपना परिवार पूरा कर चुके थे। पुरुषों के साथ उनकी पत्नियों की भी काउंसलिंग कराई और पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए राजी किया। पुरुषों को यह समझाने का प्रयास किया कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल और सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि नसबंदी से पुरुषों में कमजोरी आती है यह सरासर भ्रामक है। नसबंदी के कारण पुरुष को कोई कमजोरी नहीं आती और न उसकी वैवाहिक जिंदगी पर कोई असर पड़ता है।

कोरोना काल में करायी 35 पुरुष नसबंदी:

ज्योति का कहना है कोरोना काल के दौरान उनकी ड्यूटी शहर में लगायी गयी, लेकिन उन्होंने अपने अभियान को पीछे नहीं छोड़ा। जब भी समय मिलता था वह गांव-गांव में जाकर परिवार पूरा कर चुके लोगों को नसबंदी कराने के लिये प्रेरित करती रहीं। उन्होंने बताया एक परिवार ऐसा मिले जिसमें पुरुष शराब का सेवन करता था। उनका परिवार पूरा हो चुका था, लेकिन परिवार नियोजन के बारे में उन्हें कोई मार्ग दिखाने वाला नहीं था। उनकी काउंसलिंग करा कर उनकी नसबंदी करवायी। ज्योति ने बताया 2022-23 में एक, 2021-22 में 35, 2020-21 में एक और 2019-20 में दो पुरुष नसबंदी करायीं। ज्योति का कहना है मंडल में प्रथम रहने पर वह काफी खुश हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई सम्मान लोकल स्तर का नहीं मिला है, जिसका उन्हें दुख है। अगर विभाग की ओर से उन्हें सम्मानित किया जाता तो अन्य ए.एन.एम भी प्रोत्साहित होती और पुरुष नसबंदी को गति मिलती।सी.एच.सी प्रभारी डा.संदीप गौतम ने बताया केंद्र की ए.एन.एम ज्योति पुरुष नसबंदी के मामले मंडल में प्रथम स्थान पर हैं। मंडल में दूसरा स्थान सी.एच.सी प्रभारी डा.संदीप गौतम ने बताया केंद्र की ए.एन.एम ज्योति पुरुष नसबंदी के मामले मंडल में प्रथम स्थान पर हैं। मंडल में दूसरा स्थान सी.एच.सी सरूरपुर की ए.एन.एम मंजू का है। मंजू ने 34 पुरुषों को प्रेरित कर उनकी नसबंदी करवाई है।

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