Thursday, 18 August 2022

सुरक्षित गर्भ समापन मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में कारगर: डा.रोहित

24 सप्ताह तक का गर्भ समापन कानूनी रूप से वैध।

मेरठ 17 अगस्त (CY न्यूज) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सी.एच.सी) भावनपुर परबुधवार कोराष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के अंतर्गत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एम.ओ.आई.सी) व आशा कार्यकर्ता व एएनएम के लिए आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से जन स्वास्थ्य एवं संचारी-गैर संचारी रोगों के बचाव, उपचार पुनर्वास व शमन में आयुष विधाओं की उपयोगिता संबंधी दोदिवसीय कैस कोडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साझा प्रयास नेटवर्क के तत्वावधान मेंआयोजित कार्यक्रम में करीब 65 आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भ समापन, परिवार नियोजन व एम.टी.पी एक्ट 2021 संशोधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सी.एच.सी प्रभारी डा.रोहित वर्मा ने बताया-असुरक्षित गर्भ समापन मातृ मृत्यु दर का एक प्रमुख कारक है और समुदाय में इस विषय पर जागरूकता फैलाने में साझा प्रयास की सबसे अहम भूमिका है। उन्होंने कहा-हर वर्ष काफी महिलाओं की मृत्यु असुरक्षित गर्भ समापन के कारण होती है। इस विषय को लेकर समाज में कई अवधारणा जुड़ी हैं। अगर इस विषय पर गंभीरता से काम किया जाए तो हर वर्ष असुरक्षित गर्भपात से होने वाली आठप्रतिशत मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है। इस विषय पर एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर ने आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि विशेष श्रेणी की महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाई गई है। इस उन्मुखीकरण में जानकारी दी कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थीं। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में मे एम.टी.पी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। उन्होंने बताया-1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया एवं एमटीपी एक्ट में 2021 में संशोधन किया गया।

24 सप्ताह तक शर्तों के साथ कराया जा सकता है गर्भ समापन:

विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ का शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है। उन्होंने बताया-पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होंने बताया-20 सप्ताह तक एम.टी.पी के लिए एक आर.एम.पी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आर.एम.पी की राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा-गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है।

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