मेरठ 09 अक्टूबर (CY न्यूज) नेशनल मेडिकोज आर्गेनाईजेशन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवा विभाग के सहयोग से आजादी के अमृत महोत्सव पर मेरठ के डॉक्टर्स ने एक अनोखी पहल की। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर मेरठ में पैदा हुए अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के सूत्रधार महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मातादीन वाल्मीकि के नाम से, मेरठ में 75 वंचित सेवा बस्तियों में मेडिकल सेवाएं नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के विभिन्न डॉक्टर्स व मेरठ के विभिन्न मेडिकल स्टूडेंट्स ने समाज के गरीब तबके को अपनी सेवाएं दीं और समाज की समरसता का एक संदेश दिया। मातादीन वाल्मीकि जो प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हीरो थे तथा जिनका कार्यक्षेत्र बिठूर था उनका जन्म मेरठ में हुआ बताया जाता है। अतः यह सेवा यात्रा प्रथम बार महर्षि वाल्मीकि जयंती पर मातादीन वाल्मीकि के नाम से समाज को समरसता का संदेश देने के लिए मुख्यतः वाल्मीकि और अन्य सेवा बस्तियों में सेवा के माध्यम से जोड़ने का यह अनूठा प्रयास था। यद्यपि असामयिक वर्षा ने व्यवस्था में बाधा तो पहुंचाई परंतु सभी डॉक्टर्स व मेडिकल स्टूडेंट्स का जोश अतुलनीय था। सभी स्वयंसेवकों और डॉक्टर्स ने समय पर अपनी जिम्मेदारियां जमकर निभाईं। मैनकाइंड फार्मा का बहुत सहयोग रहा जिन्होंने दवाएं तो पहुंचाई ही अपितु उनके कर्मचारियों ने सुशील बाना के नेतृत्व में दवाएं बांटने का भी कार्य बखूबी किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवा भारती के स्वयंसेवक कई दिनों से इन बस्तियों में लोगों को जागृत करने और घर-घर जाकर पत्रक बांटने का कार्य करते रहे। रविवार को मेडिकल कैंप के दिन अपने कैंप में अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई और सारा व्यवस्था और चाय पानी का प्रबंध किया। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर सेवा का ऐसा अभूतपूर्व कार्य जिसकी योजना बहुत दिनों से चल रही थी आज मूर्त हो गया। नेशनल मेडिकोज से डा.वीरोत्तम तोमर, डा.विश्वजीत बैम्बी, डा.उमंग अरोरा, डा.ज्ञानेश्वर टोंक, डा.विजय सिंह, डा.ललिता चौधरी, डा.विजय जायसवाल, डा.सुमीत उपाध्याय, डा.राजकुमार बजाज, डा.विनोद अग्रवाल, डा.के.बी अग्रवाल, डा.सुशील गुप्ता, डा.रवि भगत, डा.आशु मित्तल, डा.अजय मलिक, डा.एम.सी सैनी, डा.जे.वी चिकारा, डा.अमित जैन, डा.हिमानी अग्रवाल, डा.सत्यम खरे, डा.राजीव सिंह व मेडिकल स्टूडेंट्स ने भी पूरा सहयोग दिया। वही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवा विभाग से धनीराम, धनंजय, विनोद भारतीय, जयंती प्रसाद, विपिन सिंघल, छविंद्र सैनी का क्रमबद्ध योजना बनाने व कार्यकर्ताओं को व्यवस्था बनाने के लिए निर्देशित करने में बहुमूल्य सहयोग रहा।

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